Electrician Theory Questions & Answer’s in Hindi


Electrician Theory Questions & Answer’s in Hindi

Q.1– HT लाइन में लाइन वोल्टेज की तुलना में ब्रेकर वोल्टेज कितना होता है ?

Ans  – HT लाइन में 6.6 kw के लिये 7.2 kw का ब्रेकर चयन करते है। 11 kw के लिये 12 होता हे। 33 kw के लिये 36 kw रहता है। 66 kw के लीये 72 kw और 132 kw के लिये 145 kw का ब्रेकर का इस्तेमाल होता है। निश्चित रूप से ब्रेकर की कैपेसिटी जो लाइन वोल्टेज हे उससे अधिक ही होगी।

Q.2- सर्किट ब्रेकर के अलग-अलग का नाम कैसे दिए जाते है।

Ans  – सर्किट ब्रेकर का काम मेक एंड ब्रेक के समय में होने वाले इलेक्ट्रिक आर्क को बुझाने का है। इस इलेक्ट्रिक आर्क को बुझाने के लिये जो मीडिया का उपयोग होता है इसके आधार पे उसका नाम याने प्रकार त्यय होता है। उदाहरण :-  वैक्यूम सर्किट ब्रेकर में आर्क बुझाने के लिये वैक्यूम का इस्तेमाल होता है। और आयल सर्किट ब्रेकर में आयल का उपयोग होता है।

Q.3- ACB और VCB में क्या अंतर है?

       ACB ( Air Circuit Breaker)                                                                 VCB (Vacuum Circuit Breaker)

– लॉ वोल्टेज ( 450 V ) तक ही इस्तेमाल होता है।                                     –  मीडियम वोल्टेज (6.6 kw से 33 kw ) इस्तेमाल होता है।
– ACB में आर्क बुझाने का मीडियम एयर है।                                             –  VCB में आर्क बुझाने का मीडियम वैक्यूम है।
– नार्मल एयर प्रेशर से आर्क बुझाया जाताहै।                                              –  वैक्यूम का प्रेशर 10 -6 टोर होता है।
– ACB में नियमित मेंटेनेंस करना पड़ता है।                                              –  VCB में मैंटेनैंस ACB की तुलना कम होता है।
– आर्क बुझाने के लिये आर्क च्युत होता है।                                                 –  आर्क बुझाने के लिये आर्क च्युत नहीं होते।
– ACB में प्रोटेक्शन रिले ब्रेकर में ही लगा होता है।                                     –   VCB में प्रोटेक्शन रिले अलग लगाना पड़ता

Q.4- आयल सर्किट ब्रेकर कैसे काम है?

Ans  – आयल सर्किट ब्रेकर मीडियम वोल्टेज के लिये इस्तेमाल होता है। इस ब्रेकर में फॉल्ट के समय में या ओपरेशन के समय उत्पन्न होने वाला इलेक्ट्रिक आर्क को आयल से बुझाया जाता है। ब्रेकर के कांटेक्ट आयल में दुबे होते है। इसमें आयल के दो मुख्य काम होते हे। एक कांटेक्ट के बिच में इंसुलेटर की तरह काम करता है। दूसरा जब स्पार्क होता है ,तब उत्पन्न होने वाली हीट को जल्दी ठंडा कर देता है। दूसरे शब्दों में कहे तो कूलिंग का काम भी करता है। प्रोटेक्शन रिले कंट्रोल पैनल पे लगाई जाती है। जो सर्किट को प्रोटेक्ट करती है।

Q.5- एयर सर्किट ब्रेकर में रिले सेटिंग कैसे होती है?

 ( IR ) ओवर लोड सेटिंग  – ये सेटिंग हमारे कॉन्स्टन्ट चलने वाले लोड के आधार पे सेट किया जाता है। वैसे अधिकतम ब्रेकर की कैपेसिटी का 90 % तक सेट करना ठीक माना जाता है।
( I.S.D )  शार्ट सर्किट  – शार्ट सर्किट का सेटिंग ओवर लोड सेटिंग के आधार पे की जाती है। जीतनी सेटिंग ओवर लोड की करते हे उससे चार गुना ज्यादा किया जाता है। दूसरे शब्दों में कहे तो यदि  ओवर लोड का सेटिंग 1000 एम्पेयर पे हे तो शार्ट सर्किट का सेटिंग 4000 एम्पेयर होता है।
( I.G ) ग्राउंड फाल्ट  – आमतौर पे ब्रेकर की कैपेसिटी के 40 % पे सेट किया जाता है। ऊपर के तीनो फ़ॉल्ट( ir,isd,ig ) में सेटिंग के साथ टाइम की भी सेटिंग होती है।
 (II ) इंस्टैंशियन करंट – जितना करंट का सेटिंग करेंगे वहा तक करंट पहुचेगा तो तुरंत ही ब्रेकर ट्रिप हो जायेगा। इसमें किसी भी तरह का टाइम सेटिंग नहीं है।

Q.6 -ब्रेकर में Anti Pumping कॉन्टैक्टर क्या है ?

Ans  – Anti Pumping कॉन्टैक्टर हरेक ब्रेकर में होता हे। इसका मुख्य काम हे की ब्रेकर को एक बार क्लोजिंग कमांड मिलने के बाद दुबारा क्लोजिंग का कमांड न मिले। इसीलिए,एंटी पम्पिंग कॉन्टैक्टर का इस्तेमाल किया जाता हे। यदि लाइन में कोई फाल्ट हे तो ब्रेकर क्लोज करते ही ट्रिप हो जायेगा। ऐसी स्थिति में ऑपरेटर पुश बटन प्रेस करके रखता हे तो ब्रेकर को ट्रिप होकर फिर से क्लोजिंग का कमांड मिल जायेगा। और ये रेपिटेड होता हे तो ब्रेकर को नुकशान करता हे। इसीलिए, एंटी पम्पिंग कॉन्टैक्टर लगाते हे।

Q.7 -MCCB क्या है? कैसे काम करता है?

Ans  – MCCB का Full Form – ( Module Case Circuit Breaker ) है। MCCB इंडस्ट्रीज में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला सर्किट ब्रेकर है। 125 Amp. से लेके 800 एम्पेयर के रेटिंग में मिलते है। और लॉ वोल्टेज में उपयोग किया जाता है। 120 से 450 वाल्ट तक इस्तेमाल किया जाता है। MCCB दो टाइप की उपलब्ध हे जिसमे एक थर्मल बेस प्रोटेक्शन और दूसरा माइक्रोप्रोसेसर बेस प्रोटेक्शन। MCCB में ओवर लोड, शार्ट सर्किट, अर्थ फाल्ट जैसे प्रोटेक्शन रहते है। जिसको हम अपनी जरुरत के हिसाब से सेटिंग कर सकते है।

Q.8 – फ्यूज और सर्किट ब्रेकर में क्या अंतर है?

  फ्यूज :- फ्यूज में एम्पेयर कैपेसिटी के हिसाब से वायर होता है। जो ओवर लोड और शार्ट सर्किट होने पे टेम्प्रेचर बढ़ने से पिगल जाता है। एक बार फ्यूज का एलिमेंट उड़ गया तो उसे फिर से इस्तेमाल नहीं किया जाता। फ्यूज को ही रेप्लसेड किया जाता है।

सर्किट ब्रेकर :-सर्किट ब्रेकर में bimetal strip होती है। जो ओवेर करंट और शार्ट सर्किट के समय में सर्किट ब्रेक करता है। इसे रिसेट करके चालू किया जा सकता है।

Electrician Theory Question & Answer’s in Hindi

Some Note’s :-

1 – What is the fitter ?

2 – Least Count सूक्ष्ममापी यंत्र (Precision Instrument)

3- ITI Electricians  Short Important Question in Hindi

4 – ITI Employability skill’s

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