Vernier Height Gauge working principle
Introduction
कार्यशाला में विविध स्तरों पर गणना की परिशुद्धता को ध्यान में रखते हुए कुछ सूक्ष्ममापियों का प्रयोग अनिवार्य रूप से करना चाहिए। क्योंकि गणना की यथार्थता (accuracy) पर ही कार्य के परिणाम निर्भर करते हैं।
वर्नियर हाइट गेज ( Vernier Height Gauge )
वर्नियर हाइट गेज का प्रयोग कार्यशाला में जॉब बनाते समय उसकी ऊँचाई मापने के लिए या मार्किंग करते समय किया जाता है। इसके द्वारा मीट्रिक प्रणाली में 0.02 मिमी एवं ब्रिटिश प्रणाली में 0.001″ तक सूक्ष्म माप में मार्किंग कर सकते हैं। यह सामान्यत: निकिल क्रोमियम स्टील या वेनेडियम स्टील का बना होता है।
जॉब की मार्किंग करते समय आमतौर पर मार्किंग ब्लॉक का ही प्रयोग किया जाता है, परन्तु जब किसी मार्किंग को अधिक-से-अधिक शुद्धता में करना हो, तो हम वर्नियर हाइट गेज का ही प्रयोग करते हैं, क्योंकि इसमें ऑफसैट स्क्राइबर को गेज की अल्पतम माप (least count) के बराबर ही मूवमेन्ट (movement) प्रदान की जा सकती है, जबकि मार्किंग ब्लॉक में स्केल की सहायता से केवल 1″/64 तक सूक्ष्म माप या 0.5 मिमी तक ही सूक्ष्मता प्रदान कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त
मार्किंग ब्लॉक का प्रयोग करते समय स्केल को सदैव सीधा लम्ब रूप में खड़ा करना अनिवार्य है, जबकि वर्नियर हाइट गेज में इसकी मेन स्केल, बेस पर लम्ब रूप में फिट रहती है। इसमें स्लाइडिंग जॉ (sliding jaw) पर एक स्ट्रेट स्क्राइबर फिट होता है। इसी स्लाइडिंग जॉ पर ऑफसैट या स्ट्रेट स्क्राइबर लगाकर मार्किंग एवं ऊँचाई मापने का कार्य भी करते हैं।
मार्किंग करते समय इस बात का ध्यान रखें कि मार्किंग सर्फेस प्लेट पर की जाए। ऑफसैट स्क्राइबर को के पश्चात् स्लाइडिंग जॉ को नीचे लाकर वर्नियर स्केल की जीरो लाइन, मेन स्केल की जीरो लाइन से मिलाएँ। इस सैटिंग पर ऑफसैट स्क्राइबर का पेंदा सर्फेस प्लेट से मिल जाना चाहिए। अगर स्ट्रेट स्क्राइबर होगा, तो वह किसी निश्चित ऊँचाई तक रुक जाएगा और सर्फेस प्लेट से नहीं मिलेगा। उस निश्चित ऊँचाई से कम ऊँचाई की मार्किंग नहीं की जा सकती, जिसके लिए उपरोक्त बताई विधि के साथ एक एंगिल प्लेट भी प्रयोग की जाती है।
इसका प्रयोग आमतौर पर डाई प्लेट, टेम्प्लेट तथा ऐसे जॉबों पर मार्किंग करते समय किया जाता है जहाँ अधिक-से-अधिक मार्किंग में शुद्धता की आवश्यकता हो। मार्किंग करते समय जॉब की सतह पर कॉपर सल्फेट की एक परत लगाई जाती है, जिससे प्रत्येक मार्किंग लाइन भली-भाँति नजर आ सके। छोटे-छोटे जॉब जिन्हें मार्किंग के समय पकड़ने की आवश्यकता हो, उन्हें हाथ से न पकड़कर एक एंगिल प्लेट पर टूल मेकरक्लैम्पों को सहायता से सैट कर लिया जाता है, जिससे मार्किंग सुविधापूर्वक की जा सके।
Vernier Height Gauge working principle
– वर्नियर कैलिपर के सिद्धांत पर कार्य करता है
सावधानियाँ ( Precautions )
1. वर्नियर हाइट गेज से मार्किंग करते समय बेस को पकड़कर हाथ से इस प्रकार चलाना चाहिए कि मेन स्केल झुके नहीं।
2. स्क्राइबर की धार तेज होनी चाहिए जिससे लाइन खींचने के लिए अधिक बल की आवश्यकता न पड़े।
3. माप लेते समय वर्नियर स्केल की शून्य त्रुटि को हिसाब में लगा लेना चाहिए।
4. वर्नियर हाइट गेज को अन्य औजारों के साथ मिलाकर नहीं रखना चाहिए।
5. प्रयोग करने के पश्चात् साफ करके व हल्का मोबिल ऑयल लगाकर रखना चाहिए।
FAQ Question
Ans – यह वर्नियर कैलिपर के सिद्धांत पर कार्य करता है
Ans – यह सामान्यत: निकिल क्रोमियम स्टील या वेनेडियम स्टील का बना होता है।
Ans – वर्नियर हाइट गेज के स्लाइडिंग जॉ (sliding jaw) पर ऑफसैट या स्ट्रेट स्क्राइबर फिट होता है।
Ans- The least count of vernier height gauge 0.02 mm and 0.001″
1- पेंचकस (Screw Driver) किसे कहते है ?
- स्टैण्डर्ड स्क्रू ड्राइवर (Standard Screw Driver)
- हैवी ड्यूटी ड्राइवर (Heavy duty Screw Driver)
- फिलिप्स स्क्रू ड्राइवर (Philips Screw Driver)
- ऑफसेट स्क्रू ड्राइवर (Offset Screw Driver)
- रैचेट स्क्रू ड्राइवर (Ratchet Screw Driver)
2- प्लायर्स (Pliers) किसे कहते है ?
- साइड कटिंग प्लायर्स (Side Cutting Pliers)
- लांग नोज़ प्लायर्स (Long Nose Pliers)
- स्लिप ज्वाइंट प्लायर्स (Slip Joint Pliers)
- डायगनल प्लायर्स (Diagonal Pliers)