हैमर किसे कहते है? | हैमर कितने प्रकार के होते है ?
हैमर (Hammer)
परिचय (Introduction)– वर्कशाप में कार्य करते समय कारीगर को भिन्न-भिन्न प्रकार के कार्य करने पड़ते हैं और प्रायः ऐसे भी कार्य करने पड़ते हैं जिन पर ठोंक-पीट करनी होती है इसलिये चोट लगाने वाले औजार की आवश्यकता पड़ती है जिसकों ‘हैमर’ कहते हैं। इसकी बनावट में एक सिरे पर पेन दूसरे सिरे पर फेस और बीच में आई होल बना होता है जिसमें एक हैंडल लगाया जाता है। हैमर प्रायः हाई कार्बन स्टील( H.CS ) से बनाये जाते हैं और इसके फेस और पेन को हार्ड वे टेम्पर कर दिया जाता है। कार्य के अनुसार ये भिन्न-भिन्न आकारों और तोल में पाये जाते है।
वर्गीकरण (Classification) -हैमर का वर्गीकरण उसके पेन के आकार और इसकी तोल के अनुसार किया जाता है जैसे बाल पेन हैमर 0.45 कि.ग्रा.।
हैमर के निम्नलिखित मुख्य पार्ट्स होते हैं-
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हैमर (Hammer) कितने प्रकार के होते है –
प्रायः निम्नलिखित प्रकार के हैमर प्रयोग में लाये जाते हैं-
बाल पेन हैमर (Ball Pane Hammer) – यह एक बहुत ही साधारण प्रकार का औजार है जिसका फेस चपटा होता है और पेन बोल के समान गोल होती है। इस हैमर का अधिकतर प्रयोग चिपिंग और खिंटिंग करने के लिये किया जाता है। भारतीय स्टैण्डर्ड (B.I.S) के अनुसार ये 0.11 से 0.91 कि.ग्रा. तक पाये जाते हैं। प्रायः हल्के कार्यों के लिये 0.33 कि.ग्रा., मध्यम कार्यों के लिये 0.45 कि.ग्रा. और भारी कार्यों के लिये 0.91 कि.ग्रा. के हैमर प्रयोग में लाये जाते हैं।
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क्रॉस पेन हैमर (Cross Pane Hammer) -इस हैमर का फेस चपटा होता है और पेन हैंडल के क्रॉस (Cross) में बनी होती है। इनका अधिकतर प्रयोग शीट के जॉब में नालियां (Grooves) बनाने के लिये, शीट के जॉब को मोड़ते समय उनके अन्दरुनी मोड़ पर चोट लगाने के लिये किया जाता है। भारतीय स्टैडर्ड (B.I.S) के अनुसार ये 0.11 से 0.91 कि.ग्रा. तक पाये जाते है।
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स्ट्रेट पेन हैमर (Straight Pane Hammer) – इस हैमर का फेस चपटा होता है। पेन इसके आई होल या हैडल की सीध में बनी होती है। इसका अधिकतर प्रयोग धातु को फैलाने के लिये, शीट के जॉब में चेनल और नालियां बनाने के लिये किया जाता है। भारतीय स्टैण्डर्ड (B.I.S) के अनुसार ये 11 कि.ग्रा. 0.91 कि.ग्रा. तक पाये जाते हैं। कार्य की प्रकृति के अनुसार इनका चयन करके प्रयोग में लाया जाता है
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स्लेज हैमर (Sledge Hammer) – इस प्रकार के हैमर दूसरे प्रकार के हैमरों से भारी होते है। जिनका अधिकतर प्रयोग लौहारों द्वारा किया जाता है। ये तोल में प्राय: 2 से 10 कि.ग्रा. तक पाये जाते हैं। इनका अधितर प्रयोग प्राय : बड़े कार्यों पर चोट लगाने के लिये किया जाता है चाहे वे गर्म दशा में हों या ठंडी दशा में।
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साफ्ट हैमर (Soft Hammer) -इस प्रकार के हैमर प्राय: नर्म धातुओं से बनाये जाते हैं जैसे तांबा, पीतल, सीसा इत्यादि। इस हैमर का प्रयोग वहां पर किया जाता है जहां पर मशीनिंग किये हुए फिनिश पार्ट्स को चोट लगा कर फिट करने की आवश्यकता होती है।
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प्लास्टिक हैमर (Plastic Hammer) – इस प्रकार के हैमर की बॉडी प्रायः स्टील की बनी होती है। इसके दोनों सिरे पर प्लास्टिक के टुकड़ों को साइज के अनुसार बना कर फिट कर दिया जाता है और हैमर का अधिकतर प्रयोग फिनिश किये हुए पार्ट्स को फिट करते समय चोट लगाने के लिये किया जाता है। ये प्राय: हल्के कार्यों के लिये प्रयोग में लाये जाते हैं।
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रॉ हाइड हैमर (Row Hide Hammer) – इस प्रकार के हैमर की बॉडी प्राय: स्टील की बनी होती है और इसके दोनों सिरों पर कच्चे चमड़े के टुकड़ों को लगा दिया जाता है। इनका अधिकतर प्रयोग साफ्ट हैमर की तरह किया जाता है।
मैलेट (Mallet) -लकड़ी के बने हुए हैमर को मैलेट कहते हैं। ये प्रायः कड़ी लकड़ी के बनाये जाते हैं। इनका अधिकतर प्रयोग शीट मैटल के कार्यों के लिये किया जाता है। जैसे शीट को मोड़ना या सीधा करना इत्यादि। इनका प्रयोग बढ़ई के कार्यों के लिये भी किया जाता है।
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हैमर हैंडल (Hammer Handle) -हैमर का हैंडल लकड़ी का बनाया होता है। क्योंकि लकड़ी से थोड़ा सा स्प्रिंग ऐक्शन होता है और यह झटकों को सहन कर लती है। प्रायः हिकरी वुड (Hickory Wood), अकारिया (बिना गांठ वाली) का प्रयोग हैमर का हैंडल बनाने के लिए किया जाता है। साधारण कार्यों के लिए हैमर के हैंडल की लंबाई 25 से.मी. से 32.5 से.मी. होनी चाहिए और स्लैज हैमर के लिए हैंडल की लंबाई 60 से.मी. से 90 से.मी. होनी चाहिए।
हैमर हैंडल को पकड़ना (Holding of Hammer Handle) – हैमर के हैंडल को उसके सिरे से 15 से.मी. से 30 से.मी. हाथ द्वारा पकड़ना कसकर पकड़ना चाहिए; जैसा कि चित्र 4.3 में दिखया गया है कि Handle) हैंडल को चारों अगुलियों से पकड़कर हथेली की ओर प्रेस करना चाहिए अंगुठे को तर्जनी के ऊपर लाना चाहिए। स्विगं करते समय व चोट मारते समय सभी अगुंलियों को बंद रखना चाहिए।
हैमर हैंडल को फिट करने की विधि (Method of Fitting Hammer Handle) -हैमर के हैंडल को हैमर के आई होल (Eye Hole) में फिट किया जाता है। हैंडल प्रायः मजबूत लकड़ी का बना होता है। जिसके एक सिरे को रास्प कट फाइल के द्वारा रगड़ कर टेपर में बना लिया जाता है। और वेज के अनुसार लगभग 20 से 25 मि.मी. लंबा व 2 से 5 मि.मी. चौड़ा खांचा (Slot) काट लिया जाता है और टेपर किये हुए सिरे को आई होल के बीच में डाल कर खांचे में वैज (Wedge) ठोंक दी जाती है।
हैमर का आई होल अण्डाकार आकार में बना होता है। जिससे यह लाभ होता है कि हैमर के द्वारा चोट लगाते समय हैमर हैंडल पर घूम नहीं सकता है। हैमर का आई होल किनारों की ओर टेपर में भी बना होता है जिससे हैंडल का टेपर किया हुआ सिरा उसमें डाल कर वेज लगा देते हैं। इस प्रकार चोट लगाते समय हैमर हैंडल से निकलने नहीं पाता है। साधारण हैमर के हैंडल की औसतन लंबाई 25 से 32.5 से.मी. तक रखी जा सकती है। स्लैज हैमर के हैंडल की लंबाई प्रायः 60 से 90 से.मी. तक रखी जा सकती है।
सावधानियां (Precautions)
1. कार्य करने से पहले यह चैक कर लेना चाहिये कि हैमर के फेस या हैंडल पर तेल या ग्रीस न लगी हो।
2. बिना वैज (Wedge) लगे हैमर का प्रयोग नहीं करना चाहिये।
3. टूटे हुए हैंडल या फैले हुए फेस वाले हैमर का प्रयोग नहीं करना चाहिये।
4. कार्य करते समय हैमर को उसके हैंडल के सिरे से लगभग 15 से 30 मि.मी. छोड़कर पकड़ना चाहिये।
5. हैमर से चोट लगाते समय प्राय: चोट लगाने वाले स्थान को देखना चाहिये न कि हैमर की ओर।
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हैमर किसे कहते है? | हैमर कितने प्रकार के होते है ?
हैमर से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण संकेत (Some Important Hints Related to Hammer)
1. हैमर प्रायः हाई कार्बन स्टील के बनाये जाते है। जिसके स्ट्राइकिंग फेसों को हार्ड एवं टेम्पर कर दिया जाता है
2. हैमर का आई होल अण्डाकार आकार का होता है तथा सेंटर की ओर ‘टेपर’ होता है जिससे उसमें हैण्डल आसानी से बैठ जाता है और वैज लगाने से वह बाहर नहीं निकल सकता।
3. हैमरिंग करते समय हैमर को उसके अंतिम सिरे से 15 से 30 मि.मी. तक छोड़ कर पकड़ना चाहिए जिससे हैमरिंग करते समय लिवरेज मिलता है।
4. हैमर के हैंडल को हैड के नजदीक से पकड़ने को चोकिंग (Choking) कहते हैं
5. हैमर का हैंडल हैड के साथ समकोण (Right Angle) में फिट होना चाहिए, नहीं तो वह बैलेन्स में नहीं रहेगा और निश्चित स्थान पर चोट भी नहीं लगा पाएगा।
6.हैमर हैंडल प्रायः 25 से 32.5 से.मी. लंबाई में प्रयोग किये जाते हैं।
7.हैमर के स्ट्राइकिंग फेसों की हार्डनैस 49 से 56 HRC तक होनी चाहिए।
8. अच्छे हैमर्स का उत्पादन ड्रॉप फोर्जिंग द्वारा करते हैं।
9. हैमर हैंडल को लकड़ी से बनाने के निम्नलिखित कारण होते है। .
(i) थोड़े से स्प्रिंग ऐक्शन के लिए।
(ii) चोट लगाते समय झटकों को सहन करने के लिए।
10.हैमर की पेन की चोट धातु को एक दिशा में फैलाने और फेस की चोट धातु को सभी दिशाओं में फैलाने के लिए प्रभावशाली होती है।
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