Zero Error| माइक्रोमीटर की शून्य त्रुटि

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 परिचय (Introduction)

Zero Error
Micrometer

हमें यह विदित है कि स्टील रूल की मदद से 1/64 इंच तथा 0.5 मि.मी. तक की छोटी माप ली जाती है। आधुनिक युग में सभी कलपुर्जे अति उत्तम तथा बहुत परिशुद्धता में बनाए जाते हैं। अत: उनके सभी मापों को परिशुद्धता में बनाने तथा मापने के लिए भिन्न-भिन्न सूक्ष्ममापी यंत्रों (Precision Instruments) की आवश्यकता पड़ती है। “ ऐसा यंत्र जो इंच अथवा मीट्रिक प्रणाली में अधिक सूक्ष्म व परिशुद्ध माप ले सकें उसे सूक्ष्ममापी यंत्र कहते हैं अर्थात् इन यंत्रों के द्वारा किसी जॉब को मीट्रिक प्रणाली में 0.01 मि.मी. और इंगलिश प्रणाली में 0.001″ या इससे भी अधिक सूक्ष्मता में मापा जा सकता है। ” ये कई प्रकार के होते हैं; जैसे-माइक्रोमीटर, वर्नियर, कैलीपर आदि। वर्कशाप में निम्नलिखित सूक्ष्ममापी यंत्र (Precision Instruments) साधारणतः प्रयोग में लाए जाते हैं, जिनका अल्पमापांक निम्नलिखित है

 माइक्रोमीटर की शून्य त्रुटि (Zero Error) व ठीक करने की विधि :

 शून्य त्रुटि (Zero Error): माइक्रोमीटर को लगातार प्रयोग करने से इसकी मेजरिंग सरफेसिज घिस जाते हैं। जिसके फलस्वरूप एनविल व स्पिंडल को मिलाने पर थिम्बल व स्लीव की जीरो रेखा आपस में नहीं मिलती। जिस कारण यह अशुद्ध माप देने लगता है। इसको शून्य त्रुटि (Zero Error) कहते हैं। इस त्रुटि को निम्नलिखित तरीकों से दूर किया जा सकता है

Zero Error
Zero Error

(क) धनात्मक त्रुटि (Positive Error) – यदि थिम्बल की जीरो रेखा स्लीव पर लगी डैटम लाइन से पीछे रह जाती है तो यह धनात्मक त्रुटि कहलाती है। रीडिंग लेने के बाद कुल रीडिंग में से इस त्रुटि को घटाने पर शुद्ध रीडिंग प्राप्त होती है।

(ख) ऋणात्मक त्रुटि (Negative Error) – यदि थिम्बल की जीरो रेखा स्लीव पर लगी डैटम लाइन से आगे बढ़ जाती है तो यह ऋणात्मक त्रुटि कहलाती है। रीडिंग लेने के बाद कुल रीडिंग में इसको जमा करने पर शुद्ध रीडिंग प्राप्त हो जाती है।

उपाय (Remedies)

1. माइक्रोमीटर की इस त्रुटि को स्लीव एवं थिम्बल की शून्य रेखाओं को ‘सी स्पेनर’ (C-Spanner) द्वारा समायोजित करके ठीक किया जा सकता है जैसा कि चित्र 7 में दिखाया गया है।

2. कुछ माइक्रोमीटर की एनविल प्रायः स्क्रू के द्वारा ठीक की जाती है। इस स्क्रू की सहायता से एनविल को समायोजित करके शून्य त्रुटि ठीक की जा सकती है।


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