पेंचकस (Screw Driver) किसे कहते है ? | पेंचकस किस धातु के बने होते है ?
पेंचकस (Screw Driver)
परिचय (Introduction) – वर्कशाप में कार्य करते समय कारीगर को कई प्रकार के जॉब बनाने पड़ते हैं। कई कार्य ऐसे होते हैं जिनको भिन्न-भिन्न साधनों के द्वारा आपस में जोड़ा जाता है जैसे कभी किसी पेंच को खोलने व कसने की आवश्यकता पड़ती है तो कभी किसी नट व बोल्ट को कसना व ढीला करना पड़ता है। “इस प्रकार जिस औजार की सहायता से पेंच को कसा या ढीला किया जाता है उसे ‘पेंचकस (Screw Driver)’ कहते है।” इनका साइज इनकी शैंक की लंबाई और टिप की चौड़ाई से लिया जाता है। कार्य के अनुसार छोटे पेंचकस 45 मि.मी. लंबे व 3 मि.मी. व्यास में तथा बड़े पेंचकस से 300 मि.मी. लंबे व 10 मि.मी. व्यास में पाए जाते हैं।
मेटीरियल (Material)
पेंचकस की शैंक प्रायः कार्बन स्टील (CS ) या एलॉय स्टील की बनी होती है और उसके ब्लेड को हार्ड व टेम्पर कर दिया जाता है। ऑफसेट पेंचकस को छोड़कर प्रायः सभी पेंचकसों के हैंडल कड़ी लकड़ी या प्लास्टिक के बनाये जाते हैं।
पार्ट्स (Parts) – पेंचकस के निम्नलिखित पार्ट्स होते हैं
1. हैंडल (Handle)
2. शैंक (Shank)
3. ब्लेड (Blade)
प्रकार (Type)-साधारण निम्नलिखित प्रकार के पेंचकस प्रयोग में लाये जाते हैं
स्टैण्डर्ड स्क्रू ड्राइवर (Standard Screw Driver)
इस प्रकार का पेंचकस गोल आकार की छड़ (Rod) को आगे से चपटा करके बनाया जाता है। और इसके दूसरे सिरे पर आवश्यकता के अनुसार हैंडल फिट किया जाता है। इसका प्रयोग प्रायः साधारण कार्यों के लिये किया जाता है जैसे हल्के व छोटे साइज के स्क्रू को खोलना या कसना इत्यादि।
हैवी ड्यूटी ड्राइवर (Heavy duty Screw Driver)
इस प्रकार के स्क्रू ड्राइवर की शैंक प्राय: चौकोर आकार की होती है और उसको आगे से चपटा कर दिया जाता है। यह स्क्रू ड्राइवर दूसरे प्रकार के स्क्रू ड्राइवरों की अपेक्षा बड़े साइज का होता है। इसका अधिकतर प्रयोग बड़े कार्यों के लिये किया जाता है।
फिलिप्स स्क्रू ड्राइवर (Philips Screw Driver)
इस प्रकार के स्क्रू ड्राइवर के ब्लेड पर चार फलूट्स कटे होते है जो कि फिलिप हैड वाले स्क्रू में साइज के अनुसार फिट हो जाते हैं। इसलिए इस स्क्रू ड्राइवर का प्रयोग प्रायः फिलिप हैंड वाले सक्रू को खोलने व कसने के लिये किया जाता है
ऑफसेट स्क्रू ड्राइवर (Offset Screw Driver)
इस प्रकार के स्क्रू ड्राइवर के दोनों सिरों को एक-दूसरे के विपरित 90° के कोण में मोड़ कर चपटा बना दिया जाता है। इस स्क्रू ड्राइवर का प्रयोग वहां पर किया जाता है जहां पर दूसरे प्रकार के स्क्रू ड्राइवर को प्रयोग में लाने के लिये जगह न हो और स्क्रू फिट करने की जगह तंग हो।
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रैचेट स्क्रू ड्राइवर (Ratchet Screw Driver)
इस प्रकार के स्क्रू ड्राइवर में एक रैचेट मूवमेंट करता है। इसमें एक बटन होता है जिसे शिफ्टर कहते हैं। इस शिफ्टर के द्वारा स्क्रू घूम सकता है और शिफ्टर को नीचे दबाने से ब्लेड केवल दायीं ओर घूम सकता है। इसका प्रयोग प्रायः वहां पर किया जाता है जहां पर कार्य अधिक तेजी से करना हो क्योंकि इसके हैंडल को नीचे दबाने से ब्लेड तेजी से घूमने लगता है।
सावधानियां (Precautions)
1. स्क्रू ड्राइवर का प्रयोग चीजल की तरह नहीं करना चाहिए।
2. स्क्रू ड्राइवर का प्रयोग सोल्डरिंग आयरन की तरह नहीं करना चाहिए।
3. स्क्रू के साइज के अनुसार ही स्क्रू ड्राइवर का प्रयोग करना चाहिए।
4. खराब टिप वाले स्क्रू ड्राइवर का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
5. स्क्रू ड्राइवर को पॉकेट में नहीं रखना चाहिए।
6. स्क्रू ड्राइवर को सही पोजीशन में रखकर ही प्रयोग में लाना चाहिए।
प्लायर्स (Pliers)
परिचय (Introduction) -प्लायर एक प्रकार का टूल है जिसका प्रयोग कार्य करते समय छोट-छोटे कार्यों को पकड़ने के लिये किया जाता है। यह प्रायः कास्ट स्टील का बनाया जाता है।
पार्ट्स (Parts)-इसके निम्नलिखित तीन पार्ट्स होते हैं
1. हैंडल (Handle)
2. रिवॅट (Rivet)
3. जॉस् (Jaws)
प्रकार (Type)-मुख्यतः निम्नलिखित प्रकार के प्लायर्स होते हैं
1. साइड कटिंग प्लायर्स (Side Cutting Pliers)
इसको फ्लैट नोज़ प्लायर भी कहते हैं। इसके दोनों जॉस के बीच में कटिंग ऐज बने होते हैं जिससे तार को कटा जा सकता है। इस प्लायर का प्रयोग प्राय: वर्कशाप के सभी विभागों में किया जाता है। बिजली विभाग में प्रयोग में लाये जाने वाले साइड कटिंग प्लायर के हैंडल पर प्लास्टिक का कॅवर चढ़ा होता है।
2. लांग नोज़ प्लायर्स (Long Nose Pliers)
इस प्रकार के प्लायर के प्लायर्स (Piers) जॉस् लंबे और आगे से नुकीले होते हैं।इसका प्रयोग प्रायः तंग स्थानों पर एक प्रकार का स्पेशल प्लायर होता है। किसी पार्टी को पकड़ने के लिये किया जाता है। इसका अधिकतर प्रयोग बिजली मैकेनिक और रेडियो मैकेनिक द्वारा किया जाता हैं। इसके जॉस् में भी कटिंग ऐज बने होते हैं। जिससे तार को काटा जा सकता है।
3. स्लिप ज्वाइंट प्लायर्स (Slip Joint Pliers)
इस प्रकार के प्लायर को दूसरे प्रकार के प्लायर्स की अपेक्षा अधिक चौड़ाई में खोला जा सकता है। इसलिए इससे बड़े साइज के जॉब भी पकड़े जा सकते हैं। इसके जॉस् में कटिंग ऐज बने होते हैं जिससे तार को काटा जा सकता है।
4. डायगनल प्लायर्स (Diagonal Pliers)
इस प्रकार के प्लायर का प्रयोग प्रायः बिजली मैकेनिकों के द्वारा किया जाता है। इससे बिजली की तारों को आसानी से काटा जा सकता है।
सावधानियां (Precautions)
1. जब प्लायर्स का प्रयोग न हो रहा हो तो उनपर हल्का सा तेल लगा कर रखना चाहिए।
2. प्लायर्स को टूल बॉक्स में संभालकर रखना चाहिए।
3. यदि प्लायर्स पर जंग वगैरा लग गया हो तो उसे फाइन वुल से साफ करना चाहिए।
4. प्लायर्स को समय-समय पर लुब्रिकेशन करते रहना चाहिए।
5. प्लायर्स के कटर्स को साफ रखना चाहिए।
6. प्लायर्स के कटर स्क्रूज और जॉस् को चैक करना और टाइट रखना चाहिए।
पेंचकस (Screw Driver) किसे कहते है ? | पेंचकस किस धातु के बने होते है ?
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