iti electrician theory question answer in Hindi

iti electrician theory question answer in Hindi

Q1. वीडियो एंपलीफायर (Video Amplifier) क्या होता है?

उत्तर– वह एंपलीफायर जो की लगभग 4 से 7 मेगा हट्र्ज चौड़े बैंड का एप्लीफिकेशन करता है वीडियो एंपलीफायर कहलाता है इसे पल्स या वाइड एंपलीफायर भी कहते हैं

Q2. आर.सी.कपल्ड (R.C.Coupled Amplifier) एम्पलीफायर क्या है?

उत्तर– इस प्रकार के एंपलीफायर में प्रतिरोधक का इस्तेमाल कलेक्टर सर्किट में लोड प्रतिरोधक के रूप में किया जाता है तथा एक स्टेज के आउटपुट सिग्नल को दूसरी स्टेज के इनपुट में पहुंचाने के लिए के कैपेसिटर का इस्तेमाल किया जाता है इस प्रकार के एंपलीफायर की फाइडेंलिटी व इंपीडैन्स ट्रांसफार्मर कपल्ड की अपेक्षा अच्छी होती है अंत:इसका इस्तेमाल व्यापक रूप में किया जाता है.

Q3. बाई स्टेबल मल्टीवाइब्रेटर (Bistable Multi-Vibrator) क्या है?

उत्तर– बाइस्टेबल मल्टीवाइब्रेटर को फ्लिप-फ्लॉप परिपथ के नाम से भी जाना जाता है इसमें दो आउटपुट सिग्नल प्राप्त होते हैं जो कि हमेशा एक-दूसरे के विपरीत होते हैं अंत: एक आउटपुट उच्च (1)होने पर दूसरे आउटपुट निम्न (2) हो जाती है इसके परिपथ में दो ट्रांजिस्टर (T1एवं T2) का इस्तेमाल किया जाता है इसमें जब ट्रांजिस्टर (T1) ऑन होता है तब ट्रांजिस्टर (T2) ऑफ होता है अथवा इससे विपरीत स्थिति होती है.बाइस्टेबल परिपथ में दो स्थिर अवस्थाएं होने के कारण ही इसे बाइस्टेबल मल्टीवाइब्रेटर कहते हैं इसका इस्तेमाल क्रमिक डिजिटल परिपथों में मैमोरी सैल अथवा रजिस्टर की भांति करते हैं यह एक बाइनरी बिट को स्टोर करने की क्षमता रखता है

Q4. क्लिपिंग परिपथ (Clipping Circuit) क्या है?

उत्तर– क्लिपर या लिमीटर परिपथ का कार्य ए.सी. तरंग रूप के धनात्मक या ऋणआत्मक उच्च आयाम के निश्चित अवांछित भाग को पृथक करना है यह श्रेणी एवं शंट प्रकार के होते हैं जोकि डायोड को परिपथ में लगाए जाने की स्थिति पर निर्भर करते हैं.

Q5. Π टाइप फिल्टर सर्किट (Π Type Filter Circuit) क्या होता है?

उत्तर– यदि दो कैपेसिटर के मध्य एक इंडक्टर जोड़कर फिल्टर सर्किट का निर्माण किया जाए तब इस प्रकार के सर्किट को Π टाइप फिल्टर सर्किट कहते हैं.

6Q. वोल्टेज एंपलीफायर (Voltage Amplifier) क्या है?

उत्तर– वह सर्किट जिसके द्वारा कमजोर इनपुट सिग्नल की वोल्टेज उसकी आउटपुट पर बढ़कर प्राप्त होती हो वोल्टता एंपलीफायर कहलाता है ये एंपलीफायर्स ऑडियो,रेडियो आई एफ तथा वीडियो फ्रीक्वेंसी के लिए इम्पीडैन्स ट्रांसफार्मर अथवा डायरेक्ट कपल्ड प्रकार के होते हैं.

Q7. इम्पीडेन्स कपल्ड एम्पलीफायर (Impedance Coupled Amplifier) क्या है?

उत्तर– इस प्रकार के एंपलीफायर मे कलेक्टर सर्किट में इंडक्टर का इस्तेमाल लोड के रूप में किया जाता है तथा एक स्टेज के आउटपुट सिग्नल को दूसरी स्टेज के इनपुट में पहुंचाने के लिए कैपेसिटर का इस्तेमाल किया जाता है अतः इस एंपलीफायर को एल.सी. कपल्ड एंपलीफायर भी कहते हैं इस एंपलीफायर की फाइडेंलिटी अच्छी नहीं होती है क्योंकि इसका एप्लीफिकेशन सिग्नल की फ्रीक्वेंसी बढ़ने पर बढ़ता है तथा घटने पर घटता है.

Q8. डायरेक्ट कपल्ड एम्पलीफायर(Direct Coupled Amplifier) क्या है?

उत्तर– इस प्रकार के एंपलीफायर में पहले ट्रांजिस्टर को दूसरे ट्रांजिस्टर से सीधे जोड़ दिया जाता है अंतः दूसरे ट्रांजिस्टर के बेस का वोल्टेज पहले ट्रांजिस्टर के कलेक्टर के समान होता है इस एंपलीफायर की फाइडेंलिटी Hz से MHz के फ्रीक्वेंसी रेंज में सबसे अच्छी होती है इसका इस्तेमाल टी.वी. रिसीवर में वीडियो एंपलीफायर के रूप में किया जाता है.

Q9. P-N-P ट्रांजिस्टर की बायसिंग (P-N-P Biasing Transistor) क्या है?

उत्तर– P-N-P ट्रांजिस्टर के फॉरवर्ड बायसिंग सर्किट में एमिटर को बैटरी के पॉजिटिव सिरे से तथा कलेक्टर को बैटरी के नेगेटिव सिरे से जोड़ा गया है बेस को कलेक्टर की अपेक्षा काफी कम नेगेटिव पोटेशियम पर रखा जाता है परंतु अधिकांश होल्स को कलेक्टर का प्रबल ऋणआत्मक क्षेत्र अपनी और आकर्षित कर देता है यह एमीटर का पॉजिटिव आवेश होल्स का एमीटर बेस जंक्शन कुछ मात्रा में अपनी और आकर्षित करता है यह एमीटर से चलकर होल्स कलेक्टर पर पहुंच जाता है इस ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल एम्प्लिफिकेशन कार्य के लिए किया जाता है.

Q10. प्रवर्धक (Amplifier) क्या होता है?

उत्तर– ट्रांजिस्टर अथवा आई.सी. से निर्मित ऐसा सर्किट,जो किसी सिग्नल की शक्ति को बढ़ा देता है प्रवर्धक या एंपलीफायर कहलाता है जबकि इसके द्वारा कमजोर सिग्नल के वोल्टेज अथवा पावर बढ़ाने की क्रिया को प्रवर्धन या एम्प्लिफिकेशन कहते हैं एंपलीफायर के आउटपुट तथा इनपुट के अनुपात को उसका प्रवर्धन लाभ कहते हैं किसी अच्छे एंपलीफायर में अनुरूपता स्थायित्व शोर रहित प्रचालन अच्छा फ्रीक्वेंसी रिस्पांस एवं तरंगदैर्ध्य के गुण विद्यमान होने चाहिए.

Q11. इंटरमीडिएट फ्रीक्वेंसी एंपलीफायर (Intermediate Frequency Amplifier) क्या होता है?

उत्तर– वह एंपलीफायर,जो कि एक निश्चित रेडियो फ्रीक्वेंसी पर सिग्नल एवं एप्लीकेशन करता है इंटरमीडिएट फ्रीक्वेंसी एंपलीफायर कहलाता है.

Q12. दोलित्र (Oscillator) क्या है?

उत्तर– ऑसिलेटर एक इलेक्ट्रॉनिक्स परिपथ है जिसमें उसकी इनपुट पर ए.सी. सिग्नल दिए बिना ही आउटपुट पर इच्छित ए.सी. सिग्नल प्राप्त किया जाता है. ऑसिलेटर के लिए धनात्मक फीडबैक का इस्तेमाल किया जाता है यह आउटपुट पर उत्पन्न वेवफार्म के आधार पर ज्यावक्रीय एवं अज्यावक्रीय के प्रकार के होते हैं.

Q13. N-P-N ट्रांजिस्टर की बायसिंग (N-P-N Biasing Transistor) क्या है?
उत्तर– N-P-N ट्रांजिस्टर के फॉरवर्ड बायसिंग सर्किट में एमीटर को बैटरी के नेगेटिव सिरे से तथा कलेक्टर को बैटरी के पॉजिटिव सिरे से संयोजित किया गया है N-P-N ट्रांजिस्टर सर्किट में धारा/करंट का प्रवाह मुक्त ट्रांजिस्टर इलेक्ट्रॉन्स के द्वारा होता है एमिटर से चलकर कलेक्टर पर पहुंचने वाले मुक्त इलेक्ट्रॉन की संख्या का नियंत्रण बहुत कम मान की बेस बायसिंग द्वारा होता है इस गुण के आधार पर ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल एम्प्लिफिकेशन आदि कार्यो के लिए किया जाता है.

Q14. अस्टेबल अथवा फ्री रनिंग मल्टीवाइब्रेटर (Astable Or Free Running Multi-vibrator) क्या है?
उत्तर– अस्टेबल मल्टीवाइब्रेटर स्क्वायर वेव उत्पन्न करता है यह दो स्टेज वाला R.C. कपल्ड एंपलीफायर सर्किट है इसमें प्रथम एंपलीफायर स्टेज की आउटपुट को दूसरी स्टेज की इनपुट से कपल्ड किया गया है.जब सिग्नल,प्रथम स्टेज की इनपुट को दिया जाता है तब इसका फेज,प्रथम स्टेज के एंपलीफायर की आउटपुट के विपरीत हो जाता है तथा जब यह दूसरी स्टेज के एंपलीफायर से गुजरता है तब इस सिग्नल का फेज मूल सिग्नल के फेज के समरुप हो जाता है इस प्रकार आउटपुट से प्राप्त सिग्नल को प्रथम ट्रांजिस्टर के वेस को वापस भेजा जाता है जोकि धनात्मक फीडबैक का कार्य करता है फीडबैक की मात्रा इतनी अधिक होती है कि ट्रांजिस्टर संतृप्त तथा कट-ऑफ के मध्य कार्य करता है.

Q15. श्रेणी B एंपलीफायर (Class B Amplifier) क्या होता है?
उत्तर– वह एंपलीफायर जिसमें सिग्नल वोल्टेज इस प्रकार समायोजित किया जाता है कि इनपुट सिग्नल के लगभग आधे समय के लिए ही कलेक्टर धारा प्रवाहित होती हो वह वर्ग भी एंपलीफायर कहलाता है इस एंपलीफायर की फाइडेलिटी कम डिस्टॉर्शन लगभग 50-60% तक तथा आउटपुट पावर अधिक होती है इसकी दक्षता 50% होती है

Q16. L-C फिल्टर सर्किट (L-C Filter Circuit) क्या होता है?
उत्तर– यदि किसी सर्किट में पहले इंडक्टरलोड प्रतिरोधक RL की श्रेणी में तो तथा इसके पश्चात कैपिसिटर लोड के समानांतर क्रम में जोड़ा जाए तब इस प्रकार के फिल्टर सर्किट को L- टाइप या L-C फिल्टर सर्किट कहते हैं.

Q17. संधारित्र फिल्टर सर्किट (Capacitor Filter Circuit) क्या होता है?
उत्तर– इस रेक्टिफायर से प्राप्त आउटपुट में जुड़े प्रतिरोधक RL के समानांतर में जोड़ते हैं इसलिए इसे शंट कैपेसिटर फिल्टर सर्किट भी कहते हैं इस प्रकार प्राप्त डी.सी. आउटपुट में रिपल फैक्टर का मान कम होता है.

iti electrician theory question answer in Hindi

Some Note’s :-

1 – What is the fitter ?

2 – Least Count सूक्ष्ममापी यंत्र (Precision Instrument)

3- ITI Electricians  Short Important Question in Hindi

4 – ITI Employability skill’s

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