डिवाइडर कितने प्रकार के होते है? | डिवाइडर का साइज कहा से कहा तक लिया जाता है
डिवाइडर (Divider)
एक प्रकार का मार्किंग टूल है। इसकी दो टांगें (Legs) होती हैं जिनके सिरे नुकीले अर्थात् तेज धार वाले होते (Fig.3)हैं। ये प्रायः हाई कार्बन स्टील (HCS) से बनाये जाते है और इनके प्वाइंट को हार्ड व टेम्पर कर दिया जाता है। इनको माइल्ड स्टील (MS) से भी बनाया जा सकता है और प्वांइट को केस हार्ड किया जा सकता है। कार्य के अनुसार ये कई साइज में पाये जाते हैं जैसे- 100,150,200 मि.मी. इत्यादि।
साइज (Size)-डिवाइडर का साइज उसकी रिवॅट या पिवट पिन के सेंटर से प्वाइंट तक की दूरी से लिया जाता है जैसे डिवाइडर स्प्रिंग टाइप 150 मि.मी.।

डिवाइडर कितने प्रकार के होते है ?
डिवाइडर प्रायः निम्नलिखित प्रकार के पाये जाते हैं
स्प्रिंग ज्वाइंट डिवाइडर (Spring Joint Divider)-इस प्रकार के डिवाइडर में उसकी दोनों टांगों को एक चपटे स्प्रिंग द्वारा जोड़ा जाता है और दोनों टांगों को एक नट व स्क्रू की सहायता से समायोजित (Adjust) किया जा सकता है। स्प्रिंग का तनाव होने के कारण इसके द्वारा आसानी से शुद्ध माप ली जा सकती है। इस प्रकार के डिवाइडर का प्रयोग वर्कशाप में अधिकतर किया जाता है।
फर्म ज्वाइंट डिवाइडर (Firm Joint Divider)-इस प्रकार के डिवाइडर में इसकी दोनों टांगों को एक रिवट और वॉशर की सहायता से जोड़ा जाता है। इसको केवल हाथ की सहायता से खोला या बंद किया जाता है। इसमें स्क्रू व नट का प्रबंध नहीं रहता। इस प्रकार के डिवाइडर का प्रयोग स्प्रिंग ज्वाइंट डिवाइडर की अपेक्षा कम किया जाता है।
उपयोग (Uses)-
वर्कशाप में डिवाइडर प्रायः निम्नलिखित कार्यों के लिए प्रयोग में लाये जाते हैं –
1. किसी जॉब की सरफेस पर चाप (Arc) या वृत्त (Circle) खींचने के लिए।
2. किसी जॉब की सरफेस पर खींची हुई लाइन को बराबर भागों में बांटने के लिए।
3. स्टील रूल से माप को जॉब पर स्थानान्तर करने के लिए।
डिवाइडर कितने प्रकार के होते है? | डिवाइडर का साइज कहा से कहा तक लिया जाता है
सावधानियां (Precautions)
1. डिवाइडर के प्वांइट तेज धार वाले होने चाहिए।
2. यदि डिवाइडर के प्वाइंट घिस जाएं तो उन्हें अलग-अलग ग्राइंडिंग नहीं करना चाहिए बल्कि दोनों को एक साथ मिलाकर ग्राइंड करना चाहिए जिससे प्वाइंट छोटे-बड़े नहीं हो सकेंगे।
3. फर्म ज्वाइंट डिवाइडर की रिवॅट न अधिक कसी हुई और न अधिक ढीली होनी चाहिए।
4. यदि प्रयोग न किया जा रहा हो तो इसको तेल या ग्रीस लगा कर रखना चाहिए।
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उत्तर – एक प्रकार का मार्किंग टूल है। इसकी दो टांगें (Legs) होती हैं जिनके सिरे नुकीले अर्थात् तेज धार वाले होते (Fig.3)हैं। ये प्रायः हाई कार्बन स्टील (HCS) से बनाये जाते है और इनके प्वाइंट को हार्ड व टेम्पर कर दिया जाता है। इनको माइल्ड स्टील (MS) से भी बनाया जा सकता है और प्वांइट को केस हार्ड किया जा सकता है। कार्य के अनुसार ये कई साइज में पाये जाते हैं जैसे- 100,150,200 मि.मी. इत्यादि।
उत्तर – डिवाइडर प्रायः निम्नलिखित प्रकार के पाये जाते हैं
1 – स्प्रिंग ज्वाइंट डिवाइडर (Spring Joint Divider)
2 – फर्म ज्वाइंट डिवाइडर (Firm Joint Divider)
उत्तर – डिवाइडर का साइज उसकी रिवॅट या पिवट पिन के सेंटर से प्वाइंट तक की दूरी से लिया जाता है
उत्तर – ये प्रायः हाई कार्बन स्टील (HCS) से बनाये जाते है और इनके प्वाइंट को हार्ड व टेम्पर कर दिया जाता है। इनको माइल्ड स्टील (MS) से भी बनाया जा सकता है
उत्तर – वर्कशाप में डिवाइडर प्रायः निम्नलिखित कार्यों के लिए प्रयोग में लाये जाते हैं –
1. किसी जॉब की सरफेस पर चाप (Arc) या वृत्त (Circle) खींचने के लिए।
2. किसी जॉब की सरफेस पर खींची हुई लाइन को बराबर भागों में बांटने के लिए।
3. स्टील रूल से माप को जॉब पर स्थानान्तर करने के लिए।