what is cnc

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कम्प्यूटर संख्यात्मक नियन्त्रण (Computer Numerical Control, CNC ) मशीन से आप क्या समझते हैं? उल्लेख कीजिये।

उत्तर– कम्प्यूटर संख्यात्मक नियन्त्रण मशीन (CNC Machine ) जब कभी भी हमें कोई उत्पाद चाहिए, NC मशीनों में टैप (Tape) को बार-बार लोड (load) करना पड़ता है। इससे समय की हानि होती है तथा कभी पढ़ने की त्रुटि भी होती है। यदि कहीं प्रोग्राम बदलना हो तो उसे बदला नहीं जा सकता। इसके विपरीत CNC मशीनों में प्रोग्राम के लिए सॉफ्टवेयर का प्रयोग होता है तथा उसे आसानी से बदला जा सकता है। इसीलिए इसे सॉफ्टवेयर कन्ट्रोल भी कहा जाता है। इस सिस्टम में प्रोग्राम को टेप या की-बोर्ड द्वारा मेमोरी में प्रवेश कराकर सुरक्षित (Save) कर लिया जाता है।

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जब भी कोई उत्पाद विशेष बनाना होता है तो उसके प्रोग्राम को मेमोरी ( Memory ) से काल (Call) कर लिया जाता है और आवश्यकतानुसार उसे बदलकर बिना कोई अतिरिक्त समय बर्बाद किये उत्पादन प्रारम्भ कर दिया जाता है। शुरुआत में NC मशीनों की MCU (Machine Control Unit) के स्थान पर मिनी कम्प्यूटर प्रयोग होने लगे और बाद में मिनी कम्प्यूटर का स्थान माइक्रो कम्प्यूटरों ने ले लिया। इन्हीं NC मशीनों को, जिनमें कन्ट्रोल यूनिट के स्थान पर माइक्रोकम्प्यूटर प्रयोग होते हैं, कम्प्यूटर न्यूमेरिकल कन्ट्रोल या CNC मशीन कहते हैं ।

CNC मशीन के कार्यो एवं लाभों का उल्लेख कीजिये।

उत्तर मशीन के कार्य (Functions of CNC Machine ) – मशीनों के कार्यों की निम्न प्रकार व्याख्या की जा सकती है- मशीन टूल का कन्ट्रोल

(Control of Machine Tools ) – मशीनों में पार्ट प्रोग्राम को मशीन टूल की गतिविधियों में परिवर्तित करने के लिए कम्प्यूटर इन्टरफेस और सर्वो सिस्टम होते हैं। पंच टेप के स्थान पर फ्लॉपी डिस्क का उपयोग सम्भव होने से रेडीमेड प्रोग्राम भी प्रयोग किये जा सकते हैं।

प्रोग्राम का सम्पादन ( Programme Editing ) – कम्प्यूटर के प्रयोग के कारण अधिक लचीलापन (Flexibility) हो जाने से पार्ट प्रोग्राम का सम्पादन मशीन की जगह पर ही किया जा सकता है। पार्ट प्रोग्राम की कमियों में सुधार करके CNC कन्ट्रोलर से संशोधित टेप या फ्लॉपी प्राप्त की जा सकती है।

इन्टरपोलेशन (Interpolation ) – सर्कुलर, हाइपर बॉलिक इन्टरपोलेशन की गणनाएं आसान नहीं हैं। अतः उनको मशीन के कम्प्यूटर पर आसानी से कम समय में किया जा सकता है।

निदान सूचक (Diagnostics ) – इस मशीन की संरचना बहुत जटिल होती है। कहीं खराबी होने की दशा में यह ज्ञात होने में ही काफी समय नष्ट हो जाता है कि खराबी किस भाग में हुई है। अतः एक ऐसा निदान तन्त्र बनाया जाता है जो खराबी होने की जगह को बहुत कम समय में ढूंढ़ निकालने में सहायता करता है। कभी-कभी यह तन्त्र खराबी होने से पहले ही सूचना दे देता है कि अमुक भाग में खराबी होने वाली है।

CNC के लाभ (Advantages of Computer Numerical Control )

उत्तर -इसके मुख्य लाभ निम्नलिखित हैं

(a) एक से अधिक प्रोग्रामों को स्टोर किया जा सकता है।
(b) पार्ट प्रोग्राम को मेमोरी में भरने के लिए, टेप और टेप रीडर केवल एक बार प्रयोग किये जाते हैं।
(c) टेप सम्पादन ऑपरेटर द्वारा मशीन पर ही किया जा सकता है।
(d) अधिक नम्यता (Flexibility) के कारण पार्ट प्रोग्राम को आसानी से बदला जा सकता है।
(e) विभिन्न इकाई प्रणालियों को SI प्रणाली में बदला जा सकता है।
(f) मशीन पर होने वाली सम्पूर्ण प्रक्रिया की लगातार सूचना मिलती रहती है।

CNC मशीन की हानियों( Disadvantages of CNC Machine) एवं अनुप्रयोगों(Applications) की व्याख्या कीजिये।

उत्तर – CNC मशीन की हानियां ( Disadvantages of CNC Machine) मशीन की हानियां निम्नलिखित हैं
(1) ये महंगी होती हैं।
(2) मशीन को चलाने के लिए प्रशिक्षित ऑपरेटर (Trained operator) की आवश्यकता होती है।
(3)ब्रेकडाउन की दशा में समस्या को दूर करने के लिए अत्यधिक कुशल पेशेवर की आवश्यकता होती है।

मशीन के अनुप्रयोग (Applications of CNC Machine )
(1) इस मशीन का प्रयोग धातु (Metal removel) उद्योगों में होता है।
(2) इस मशीन का प्रयोग Material fabrication उद्योगों में होता है।
(3) इस मशीन का प्रयोग गैर-पारम्परिक मशीनिंग उद्योगों में, जहां मशीनिंग कार्य में मैनुअली करना कठिन होता है